Mutual fund loan : म्यूचुअल फंड पर लोन कैसे लें?

शेयर बाजार (Stock market)में पैसा लगाने का सबसे सरल और आसान तरीका में म्यूचुअल फंड होता है. म्यूचुअल फंड में निवेशकों ने बाजार के सोचने के अधीन होता है इसलिए कभी भी मुझे पढ़ने उन पैसों का निवेश नहीं करना चाहिए जिसकी जरूरत है आपको इमरजेंसी के समय पढ़ सकती है. म्यूचुअल फंड में हमेशा उस पैसे का निवेश करना चाहिए जिसे आप लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं.

म्यूचुअल फंड में यदि आपने निवेश किया है तो आपको उस राशि पर लोन भी मिल सकता है. एनबीएफसी कंपनी और बैंक म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए आपके पैसे पर बुलाने देते हैं. आज हम जानेंगे म्युचुअल फंड में निवेश किए गए पैसों पर लोन कैसे मिलता है?

लोन कैसे ले? How to get a loan

म्यूच्यूअल फंड निवेश किए गए पैसे पर NBFC (Non-Banking Financial Company) या बैंक से लोन ले सकते हैं. म्यूचुअल फंड से लोन लेने के लिए आपको Financier के साथ एक Loan agreement करना होगा, इस लोन के अंतर्गत आपको अपनी म्यूच्यूअल फंड यूनिट को गिरवी रखना होगा.

जब आप Financier के साथ Loan agreement कर लेते हैं तो फाइनेंसर Mutual fund registrar (CAMS, Karvy, Franklin OR Sundaram) अनुरोध करता हूं ताकि आपको म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए पैसे पर लोन देने के लिए यूनिट्स पर Lynn Mark कर दे. एग्रीमेंट के अनुसार जब तक आप अपनी लोन की राशि वापस नहीं देते हैं तब तक आपकी Units को Redeem नहीं किया जा सकता है. बैंक या को एनबीएफसी द्वारा दिया गया लोन एक निश्चित अवधि तक ही सीमित होता है उस अवधि के दौरान ही आपको लोन की रकम वापस देना होती है.

कितना मिलेगा लोन? (How much loan a mutual fund)

यदि आप नहीं चलता सब लोग रह रहे हैं आपकी जानकारी के लिए बता दे बैंक द्वारा लोन के रूप में दी जाने वाली राशि आपके Mutual Fund Unit की मार्केट वैल्यू से हमेशा कम ही होते हैं. आप को दिए जा रहे लोन के राशन आपके फाइनेंसर पर निर्भर होती है हालांकि यह राशि 10 से 12% तक हो सकती है.

कई बार देखा जाता है कि निवेशकों को कम समय के पैसों की अत्यधिक आवश्यकता होती है ऐसे में वह अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट को गिरवी रखते हुए लोन लेकर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. यदि आप म्यूचुअल फंड पर लोन लेते हैं तो इस पर लगने वाला ब्याज पर्सनल लोन की तुलना में काफी कम होता है.

म्यूचुअल फंड पर किसे मिलता है लोन

म्यूचुअल फंड पर लोन लेने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना वह अति आवश्यक है अन्यथा आप को लोन नहीं मिल सकते. म्यूचुअल फंड पर लोन सिर्फ पार्टनरशिप फर्म, भारतीय निवासी, प्राइवेट ट्रस्ट, पब्लिक लिमिटेड कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ही लोन दिया जाता है.

म्यूचुअल फंड पर लोन ऑनलाइन मिलेगा या ऑफलाइन?

आप अपनी सुविधा अनुसार म्यूचुअल फंड पर लोन ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों माध्यम से लोन ले सकते हैं. जब आप लोन लेने के लिए एप्लीकेशन देते हैं तब इस प्रोसेस में वित्तीय संस्थान या बैंक Mutual Fund Units को Mark कर दिया जाता है जिसे मार्किंग ऑफ लियन का नाम दिया जाता है. जब लोन के लिए लियन Mark हो जाता है तो निवेशक उन यूनिट को भुना या भेज नहीं सकता है, क्योंकि आप को लोन देने के लिए म्यूचुअल फंड यूनिट को गारंटी के लिए रखा जाता है.

Funds margin

आप को दिए जाने वाला लोन आपकी यूनिट की मार्केट वैल्यू से हमेशा कम होती है, जिसे मार्जिन कहा जाता है. सामान्य तो है देखा जाता है कि यह मार्जिन आपके मुचल फंड यूनिट के मार्केट वैल्यू से 50 से 60% तक हो सकता है. हालांकि Debt funds मैं यह प्रतिशत 75 से 80 तक पहुंच जाता है.

लियन मार्किंग

लोन लेने के लिए निवेशकों को एक एप्लीकेशन भरना होता है, ताकि लियन मार्क हो सके. इस एप्लीकेशन में स्कीम नाम, फोलियो नंबर, ऑप्शन, प्लान, यूनिट की संख्या और भी कई चीजों की जानकारी देना होता है. जब सभी डाक्यूमेंट्स जमा हो जाते हैं तब लियन मार्किंग के लिए म्यूचुअल फंड रजिस्ट्रार के पास इन्हें भेज दिया जाता है.

खाता कैसे खुलता है?

Mutual Fund से लोन लेने के लिए सबसे पहले overdraft facility के साथ निवेशकों का करंट अकाउंट ओपन होता है. हम उस खाते का फिक्स की गई उधारी की सीमा तक ही ओवरड्राफ्ट फेसिलिटी का उपयोग कर सकते हैं.

लियन खत्म कैस होता है?

लियन पर पूरी तरह से बैंक का दायित्व होता है, जिस बैंक से हमें लोन दिया गया है उसी बैंक के पास लियन खत्म करने का अधिकार होता है. लोन लेने के लिए हम अपनी यूनिट को ग्यारहवीं के तौर पर देते हैं ऐसे में यदि हम लोन की राशि वापस देने में असमर्थ हो जाते हैं तो बैंक के द्वारा इन यूनिटों को जब तक कर लिया जाता है और लोन की राशि वसूलने के लिए बैंक लियन के तहत जमा की गई यूनिटों को भुना लेता है और अपनी भरपाई कर लेता है.

mutual funds से लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान :-

– बैंक द्वारा कुछ महत्वपूर्ण और चुनिंदा mutual funds को ही लोन के लिए मंजूर किया गया है जिसके तहत वह स्कीम में लिस्ट किए गए म्यूचुअल फंड पर ही यह सुविधा देते हैं.
– लोन के लिए यूनिटों पर लियन मार्क तो कर दिया जाता है, लेकिन इन यूनिटों से मिलने वाला डिविडेंड निवेशक को ही मिलता है.
– म्यूच्यूअल फंड यूनिट के बदले आप लोन उसी स्थिति में ले सकते जो पहले से कोई लॉक-इन जैसी परेशानी नहीं है.
– आप Tax Saving Mutual Fund Unit और Equity Linked Savings Scheme (ELSS) Unit पर लोन नहीं ले सकते.
– यदि आपको बहुत ज्यादा ही पैसों की आवश्यकता है उसी स्थिति में आप म्यूच्यूअल फंड यूनिट के बदले लोन लेने के लिए आवेदन करें.
– म्यूच्यूअल फंड यूनिट की अपेक्षा निवेश के अन्य विकल्प या फिक्स डिपाजिट के बदले लोन लेना ज्यादा सुविधाजनक होता है

म्यूचुअल फंड यूनिट पर लोन कैसे ले? (How to take a loan on a mutual fund unit)

म्यूचुअल फंड यूनिट एक तरह से हमारी संपत्ति है जिस तरह हम दूसरी संपत्तियों के बदले लोन लेते हैं वैसे ही हम म्यूचुअल फंड यूनिट पर भी लोन ले सकते हैं. जब आप लोन लेने के लिए बैंक में अप्लाई करते हैं तो सबसे पहले आपके में म्यूच्यूअल फंड यूनिट की वैल्यू की गणना की जाती है और लोन की रकम तय की जाती है. लोन की राशि आपके क्रेडिट स्कोर और आपके द्वारा लोन चुकाने की क्षमता को देखते हुए भी तय की जाती है.

पर्सनल लोन से की तुलना म्यूचुअल फंड से मिलता है सस्ता लोन

यदि हम पर्सनल लोन लेते हैं तो हमें ब्याज दरें ज्यादा देनी होते हैं लेकिन म्यूच्यूअल फंड पर लोन की ब्याज दर बैंक को द्वारा अलग-अलग होती है. हम तौर पर देखा जाता है कि यह ब्याज दरें 9 से 13% के बीच हो सकते हैं. SBI (भारतीय स्टेट बैंक) डुआल एडवान्टेज फंड और म्युचुअल फंड पर लगभग 9.75% सालाना ब्याज दर से लोन देता है. पर्सनल लोन की ब्याज दरें लगभग 16% तक हो सकती है.

म्यूचुअल फंड से कितना लोन ले सकते हैं?

यदि आप बचपन से लोन लेते हैं तो बैंक आपके Net asset value के आधार पर 50% तक लोन दे सकती है. SBI Equity, ETF Mutual Fund, Hybrid की Net asset value के आधार पर 50% तक लोन देती है. इस आधार पर यदि आपको 10 लाख रुपए का लोन चाहिए तो आपको तकरीबन 20 लाख रुपए की mutual fund units गिरवी रखना होगा. SBI नहीं लोन की राशि न्यूनतम 25 हजार रुपए और अधिकतम 20 लाख रुपए देख रखी है.

लोन की राशि नहीं चुकाने पर क्या होगा?

यदि किसी कारणवश आप म्यूचुअल फंड से लिए गए लोन की राशि का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो बैंक आपके म्यूच्यूअल फंड यूनिट को बेच देता है, और अपने कर्ज की राशि का भरपाई कर लेता है. बैंक के द्वारा भेजी गई यूनिट से यदि आपके द्वारा लिए गए लोन की राशि से ज्यादा पैसा मिलता है उसे बैंक आपको दे देता है. जब बैंक इन यूनिट्स को भेजता है तब ग्राहक को इस बारे में पूरी जानकारी दी जाती है.

लोन की राशि देने पर क्या होगा?

यदि आप म्यूच्यूअल फंड से लिए गए राशि का भुगतान कर देते हैं, तो वित्तीय कंपनी फंड हाउस या बैंक द्वारा सूचना दे दी जाती है कि आपने लोन की राशि का भुगतान कर दिया है जिसके बाद में Fund house आपकी गिरवी रखी सभी यूनिट स्कोर फ्री कर देता हूं जिसके बाद आपका उन यूनिट पर पूरा अधिकार होता है.

क्या म्यूच्यूअल फंड से लोन लेना फायदेमंद है?

यदि आप म्यूच्यूअल फंड से लोन लेते हैं तो आप का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि किसी भी परिस्थिति में आपको अपनी प्रतिभूतियों को बेचना नहीं पड़ता है आपको तुरंत ही डिजिटल लोन मिल जाता है. लोन लेने के बाद भी ग्राहक को म्यूच्यूअल फंड का लाभ मिलता रहता है. प्रॉफिट आने की स्थिति में आप अपने म्युचुअल फंड की लिमिट को रीडिंग कर सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सभी म्यूच्यूअल फंड पर लोन नहीं दिया जाता है इसलिए जब भी आप लोन लेने के लिए आवेदन करें तो सबसे पहले बैंक से पता कर लेना आवश्यक है कि उनके बैंक हमारे फंड पर लोन दे सकेगा जाने.

इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन कैसे लें?

यदि आप इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लेना चाहते हैं तो आपको कितना लोन मिलेगा यह आपकी पॉलिसी पर आधारित होता है साथ ही आपकी पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू पर ही आपके लोन की राशि निर्भर करती है. सरेंडर वैल्यू उसे कहा जाता है जब आपकी पॉलिसी का समय खत्म होने से पहले पॉलिसी बंद करने के दौरान इंश्योरेंस कंपनी आपको देती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Endowment Insurance या फिर मनी बैंक में सरेंडर वैल्यू का 80 से 90% लोन आपको मिल सकता है. कई इंश्योरेंस कंपनियां भुगतान किए गए प्रीमियम पर 50 एचपी के आधार पर लोन अमाउंट को निर्धारित करते हैं.

इन पॉलिसी पर नहीं मिलेगा लोन ?

यदि आप इंश्योरेंस फेल लोन लेने का विचार बना रहे हैं तो आप की जानकारी को और मजबूत करते हैं बता दें कि ऐसे इंश्योरेंस के बदले लोन की सुविधा नहीं मिलती जिसमें यूलिप्स और टर्म इंश्योरेंस उपलब्ध नहीं है, जो Equity oriented securities या फिर Equity मैं invest हो.

यह डॉक्यूमेंट है जरूर

यदि आप इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लेते हैं तो आपको कुछ डॉक्यूमेंट एप्लीकेशन फॉर्म के साथ देना होते है, उसके बाद ही आपको लोन दिया जा सकता है इससे पहले आपको एक एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है जिसमें आपको अपनी पॉलिसी की ओरिजिनल डॉक्यूमेंट के साथ कैंसिल चेक भी लगाना होता है. सामान्यतः देखा जाता है कि फाइनेंस इंस्टिट्यूशन या इंश्योरेंस कंपनियां आपसे लोन प्रोसेसिंग फीस ले सकती है.

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