जमानत कैसे मिलती है, जमानत लेने की क्या शर्तें हैं?

हर व्यक्ति का सामना अपने जीवन में कभी न कभी कोर्ट से होता है. कभी-कभी कोई व्यक्ति ऐसे अपराध में फंस जाता है की उसे जेल हो जाती है या फिर गिरफ्तार कर लिया जाता है. इन मामलों में आपने सुना होगा की अपराधी को जमानत मिल जाती है लेकिन ये जमानत कैसे मिलती है और इसके लिए क्या करना पड़ता है या काफी कम लोग जानते हैं.

जमानत क्या होती है?

जमानत कैसे मिलती है इससे पहले ये जानना जरूरी है की जमानत होती क्या है? दरअसल जब कोई व्यक्ति किसी अपराध के कारण पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को पुलिस थाने या फिर जेल से छुड़ाने के लिए न्यायलय में संपत्ति या कुछ राशि जमा की जाती है और शपथ ली जाती है की जिसे जमानत कहते हैं.

अपराधी द्वारा जमानत लेने के बाद कोर्ट निश्चिंत हो जाता है की आरोपी कोर्ट की सुनवाई के लिए जरूर आएगा और विरोधी पक्ष को परेशान नहीं करेगा, इसके अलावा वो सबूत मिटाने की कोशिश भी नहीं करेगा. लेकिन ध्यान रहे जमानत कुछ ही अपराधों के लिए होती है. अगर कोई बड़ा अपराध किया है तो जमानत नहीं मिल पाती.

जमानत के प्रकार

IPC के तहत जमानत के दो प्रकार है. 1) अग्रिम जमानत 2) रेगुलर जमानत

अग्रिम जमानत क्या होती है?

अगर कोई व्यक्ति है जिसे पहले से ही आभास हो की वो गिरफ्तार होने वाला है तो वो बचने के लिए अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में पहले ही अग्रिम जमानत के लिए अपील कर सकता है. CRPC की धारा 438 में अग्रिम बैल की व्यवस्था की गई है. अगर किसी व्यक्ति को अग्रिम बेल मिल जाती है तो पुलिस संबन्धित व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकती.

रेगुलर बेल या अन्तरिम जमानत

अगर कोई व्यक्ति किसी अपराध में गिरफ्तार हो गया है और उसका केस कोर्ट में चल रहा है तो वो भी जमानत के लिए कोर्ट में अपील कर सकता है. इसे अन्तरिम जमानत कहते हैं. CRPC की धारा 439 के तहत अन्तरिम जमानत की वयवस्था की गई है. ऐसे केस में कोर्ट केस की स्थिति और गंभीरता को देखते हुए जमानत देती है.

जमानत की क्या शर्तें हैं?

अगर कोई व्यक्ति जमानत के लिए कोर्ट में अपील करता है तो उसे कोर्ट की कुछ जरूरी शर्तें मानना पड़ती हैं अगर वो इन शर्तों का पालन नहीं करता है तो उसकी जमानत रद्द हो सकती है और कोर्ट के पास जमा संपाती जब्त हो सकती है.

– जमानत होने के बाद अपराधी विरोधी पक्ष को परेशान नहीं करेगा.

– जमानत पर रिहा होने के बाद अपराधी किसी सबूत या फिर गवाह को मिटाने की कोशिश नहीं करेगा.

– जमानत हो जाने के बाद अपराधी विदेश यात्रा नहीं कर सकता. इसके साथ ही अपराधी को अपने शहर या फिर उसके आसपास ही रहना होता है.

– जमानत होने के बाद कोर्ट के आदेशानुसार पुलिस स्टेशन में समय-समय पर हाजिरी देने भी जाना होता है. अगर अपराधी ऐसा नहीं करता है तो जमानत रद्द हो सकती है और उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है.

जमानत कैसे लें?

जमानत लेने के लिए आपको एक अच्छा वकील करना होता है. वही आपको जमानत लेने के लिए क्या करना है इस बात की जानकारी देता है. आपको आपके केस के हिसाब से जमानत मिलेगी या नहीं ये भी वकील ही आपको बताएगा. वैसे अगर किसी व्यक्ति ने कोई गंभीर अपराध किया है तो हो सकता है उसे जमानत ना मिले.

अब आप समझ गए होंगे की जमानत क्या होती है, जमानत कितने प्रकार की होती है और जमानत लेने के लिए आपको किन शर्तों को मानना पढ़ता है. जमानत लेने के लिए आपको एक अच्छे वकील को हायर करना पड़ेगा क्योंकि जमानत लेने के लिए कोर्ट में किस तरह अपील करना है इसकी जानकारी उन्हें होती है.

ये 8 योजनायें जो बेटियों भविष्य कर देगी उज्ज्वल

यह बाते किसी को नहीं बतानी चाहिए..

Life मे सबसे ज्यादा क्या जरूरी होता है पैसा या प्यार

Google से पैसे कैसे कमाएं. गूगल के कौन से प्रोडक्ट से करें कमाई

Leave a Comment