बच्चों से मोबाइल फोन की लत को कैसे छुड़ाएं

आज के समय में बच्चों में Gadget तकनीक और social networking के लिए बढ़ती दीवानगी को देखते हुए माता पिता काफी डरे हुए. माता पिता के डर का कारण बच्चों के भविष्य को लेकर है. Parents को इस बात की चिंता हमेशा सताए रहती है, कि हमारा बच्चा social networking और तकनीक की दुनिया में इस तरह ना खो जाए कि वह Virtual world के मुकाबले वास्तविक जिंदगी में आने वाली परेशानियों और संघर्ष का सामना करने में असमर्थ हो जाए.

आज की पीढ़ी के टीनएजर और युवाओं को इस बात को समझना अत्यधिक आवश्यक है कि Technology से हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए ना की Technology और तकनीक से उत्पन्न होने वाले हैं इन Gadgets को हमें अपनी लत नहीं बनाना चाहिए .
Technology को बढ़ावा देना सही बात है, हमें Technology के साथ चलना चाहिए लेकिन हमें उसका आदि नहीं होना चाहिए, क्योंकि यदि हम Technology के आदी हो जाते हैं तो हमें वास्तविक जीवन में आने वाली परेशानियों का सामना करने में काफी कठिनाई होती है. माता-पिता भी इस बात से अत्यधिक चिंतित रहते हैं कि उनके बच्चे Technology की दुनिया में इतने मशरुफ़ हो जाते कि वह वास्तविक दुनिया से काफी दूर हो जाते है.

सभी माता-पिता के लिए उनके बच्चों को smartphone Internet और social media से दूरी बनाए रखने के लिए कई तरह के परियोजन करते हैं, लेकिन वह इस काम में सफल नहीं हो पाते हैं, क्योंकि उनके बच्चे social media और Internet के इतने आदी हो जाते हैं कि वह एक पल भी अपने से smartphone या अन्य Gadget को दूर नहीं कर पाते हैं यदि उनसे जबरदस्ती smartphone छीन लिया जाता है तो वह है आक्रामक रवैया अपनाने लग जाते हैं. अपने बच्चों को smartphone Internet और social media से दूर रखने के लिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चों को Internet social media और smartphone से दूर रखने में सफलता हासिल कर सकते हैं. बच्चों से मोबाइल फोन की लत को कैसे छुड़ाएं

बच्चों को करें प्रोत्साहित :-

अपने बच्चों को Gadgets और तकनीक की इस लत से बाहर लाने के लिए माता पिता को सबसे पहला कदम यह होना चाहिए कि वह अपने बच्चों को जितना अधिक हो सके वह उन्हें प्रोत्साहित करते रहे. किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए सबसे पहले हमें अपना व्यवहार बदलना है इसके लिए हमें स्व:प्रेरित होना बहुत ही जरूरी होता है. आपको ऐसे में बच्चों को रोक-टोक कर हताश नहीं करना चाहिए बल्कि उसे अनदेखा कीजिए क्योंकि आंतरिक बल से व्यक्ति के मन में चल रही बातो में परिवर्तन की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है. इस कंडीशन में एप्रोच और एटीट्यूड यह दो महत्वपूर्ण टूल बन जाते हैं.

काम का विभाजन करें :-

माता-पिता अपने बच्चों को जब कोई काम देते हैं, तो उन्हें काम को डिवाइड कर देना चाहिए यानी कि वह एक-एक करके अपने बच्चों को कोई भी काम दे, एक साथ यदि आप उन्हें कई सारे काम दे देंगे तो वह उन कामों को सही तरीके से नहीं कर पाएंगे और कई काम तो वह भूल भी जाएंगे. ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि आपने जो काम अपने बच्चे को सौंपा है वह सही तरीके से कर रहे है या नहीं यदि आपको कोई गलती नजर आती है तो आप अपने बच्चों का प्रोत्साहन बढ़ाते हुए उन्हें सही और गलत का अंतर जरूर बताएं इससे आपके बच्चों का मनोबल बढ़ेगा और वह मन लगाकर आपके द्वारा दिए गए काम को पूरा करेंगे.

काम की तकनीक अपनाएं :-

जब आप अपने बच्चे की किसी आदत से परेशान हो जाते हैं और उस आदत को छुड़ाना चाहते हैं, तो आप उनसे कोई एक काम करने के लिए दीजिए ताकि उसका मन उस काम में लग जाए और जिस काम कि उसे लत से उसे छुड़ाया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि यदि आपका बच्चा कोई काम लगातार कर रहा है तो उसे उस काम के बीच में एक 5 मिनट का ब्रेक अवश्य दें, ऐसा करने से आपके बच्चे के द्वारा किए जा रहे काम पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है और वह उस काम को और भी अच्छी तरीके कर सकते हैं. इसे पोमोदोरो तकनीक कह सकते हैं.

मनोरंजन से करें ध्यान केंद्रित :-

कई बार ऐसा होता है कि हम ध्यान केंद्रित करने के चक्कर में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमारी एकाग्रता क्षमता भंग हो जाती है, इसके लिए जरूरी है कि हमें हल्का-फुल्का मनोरंजन करना बहुत जरूरी होता है, ताकि हम अपना ध्यान केंद्रित कर सकें. जब हम कोई काम कर रहे हैं तो हमें अपना smartphone को बंद करके रख देना चाहिए क्योंकि smartphone में Notification चालू है और आप कोई काम कर रहे हैं, ऐसे में यदि कोई Notification आता है तो हम बार-बार उसे चेक करने लग जाते हैं और इस कंडीशन में हमारा काम करने में मन नहीं लगता. Phone के Notification बार बार चेक करने की आदत से बचने के लिए फ्लिप या फोरेस्ट जैसे एप्स का आप उपयोग कर सकते हैं. Forest app में एक साधारण सा इंटरफ़ेस होता है, जो हमारे Phone को बंद रखने वालों के लिए एक डिजिटल पेड़ तैयार करता है. यदि आप बार-बार अपना smartphone यूज़ करते हैं तो यह पेड़ मुरझा जाता है. आपके बच्चे पेड़ कहीं मुरझा ना जाए इस डर से Cell Phone को बहुत कम हाथ लगाते हैं. Flip app user को अपने Phone में मौजूद कई Applications को Hyde करने की फैसिलिटी भी देता है. यूजर अपने अनुसार कई एप्स को Hyde रख सकते हैं. यह App cellphone से बच्चों को दूर रखने के लिए progress के लिए भी लेकर की फैसिलिटी देता है.

Support करें :-

माता पिता के समर्थन और प्रयास के बिना आपके बच्चे उनकी बुरी आदतों में बदलाव कभी नहीं ला सकते हैं. जो बच्चे अपनी स्वेच्छा से आदतों में सुधार लाना चाहते हैं वह भी माता-पिता के समर्थन के बिना ऐसा नहीं कर सकते हैं. Parents को अपने बच्चों के काम का समय और स्थान निर्धारित करना चाहिए ताकि बच्चे अपने काम को सही तरह से मैनेजमेंट कर सकें. जब बच्चे अपने स्कूल का home work करते हैं, उस दौरान Parents को अपने smartphone Laptop tv channels and social sites को कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर देना चाहिए और रात्रि के समय माता-पिता को किसी भी तरह के Electronic gadgets का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ऐसा करने से आपके बच्चों के मन में सकारात्मकता का संचार होता है, घर में भी सकारात्मक माहौल बना रहता है.

सीखने पर ध्यान दें :-

जब हम कोई योजना बनाते हैं तो हमारी वह प्लानिंग भी पूरी तरह से फ्लॉप हो सकती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई बार हम पर अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा दबाव बना हुआ होता है इस वजह से हम काम सीखने के लिए काम की गति और प्रगति पर अत्यंत ध्यान देते हैं जिस वजह से हमारी प्लानिंग पूरी तरह से विफल हो जाती है. इसलिए हमें इस बात पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है कि बच्चे इससे बेहतर और क्या सीख सकते हैं, उनमें सीखने की प्रगति को जागृत करना चाहिए. माता-पिता को अपने बच्चों के साथ मिलकर इस बारे में रोज सलाहकार करना चाहिए कि वह और क्या बेहतर करना चाहते हैं, और जीवन में क्या हासिल करना चाहते हैं, इसके लिए हमें कौन सी चीज सीखने की आवश्यकता है.

आलोचना न करें :-

Parents को कभी भी अपने बच्चों की आलोचना नहीं करना चाहिए जब आप अपने बच्चों की उनके सामने आलोचना करते हैं तो उनका आत्मविश्वास डगमगा जाता है, और जिस काम को करने के लिए आपने अपने बच्चो को चुना है, वह काम को सही ढंग से नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उनमें आत्मविश्वास की कमी आ जाती है. यदि आप बार-बार अपने बच्चे को उसके काम को लेकर उसके सामने की आलोचना करते हैं तो इसका बच्चों के दिमाग पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है, इस कंडीशन में बच्चे आपके लिए नकारात्मक सोच रखने लग जाते हैं. इसलिए माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वह अपने बच्चों के आत्मविश्वास को किसी तरह के से ना तोड़े बल्कि उनका आत्मबल बढ़ाने का प्रयास निरंतर करते रहें.

बच्चों की smartphone की लत कैसे छुड़ाएँ?

किसी ने सच ही कहा है कि बदलाव स्वयं से प्रारंभ करना चाहिए, आप अपने बच्चों को mobile और अन्य Electronic Gadget के देखना यूज करने के लिए कहते रहते हैं, लेकिन जब आप खुद ही दिन भर smartphone से चिपके रहते हैं तो आपके बच्चे कैसे इस चीज से दूर रह सकते है. बच्चों को सुधारने से पहले आपको अपनी आदतों में सुधार लाना बहुत ही जरूरी है आपको अपने बच्चे और परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहेंगे. माता पिता अपने बच्चों से उनके पढ़ाई के बारे में बातें करें और स्कूल में होने वाली हर एक्टिविटी के बारे में उनसे लगातार चर्चा करते रहें इससे बच्चे के मन से smartphone का ख्याल निकल जाएगा और उसकी यह आदत धीरे-धीरे छूट जाएगी. ऐसा करने से आपके बच्चों के मन में भी आपके लिए सम्मान की भावना जागृत होगी उनसे एक फ्रेंड की तरह बातें करें और उनसे हर बातें शेयर करने के लिए कहे एसा करने से वह आपको उनकी हर प्रॉब्लम बता सकें.

मन की बात जानने की कोशिश करें :-

सभी बच्चों की किसी न किसी चीज में अपनी एक रुचि होती है. माता-पिता को इस बात का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है कि उनके बच्चों की किस चीज में रुचि कई बच्चों को Dance class, music class, painting बहुत ही ज्यादा पसंद होती है, यदि आपके बच्चों की भी choice इस तरह है तो आप उन्हें उन Classes में Join करवाइए ताकि उनका मन उस काम में लग सके.

बाहर खेलने दे  :-

एक समय था जब बच्चों को बाहर खेलने जाने के लिए जिद करते थे, और आज का समय जब बच्चे दिन भर smartphone या अन्य किसी Gadget को लेकर अपने कमरे में ही बैठे रहते हैं. ऐसी कंडीशन में आपको अपने बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता होती है, यदि कोई उनके साथ नहीं खेलता है तो आपको स्वयं ही उनके साथ बाहर जाकर खेलना चाहिए ताकि बच्चों का शारीरिक विकास हो सके और उनका मनोबल बड़ सके.

जिम्मेदारियों का अहसास :-

माता पिता अपने बच्चों को हर तरह की सुविधा देना चाहते हैं, कई Parents ऐसे होते हैं जो अपने बच्चे से छोटे से छोटा काम नहीं करवाते हैं, उनका यह तरीका बहुत गलत होता है. माता-पिता को अपने बच्चों से घर के रोजमर्रा के कामों में अपना योगदान का महत्व बताना चाहिए उन्हें जब तक आप छोटे छोटे काम नहीं कर पाएंगे उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास नहीं होगा और ना ही उन्हें उन चीजों का महत्व पता चलेगा.

smartphone के जगह दे Simple phone:-

कई माता-पिता का कहना होता है कि उनके बच्चे उनसे दूर रहते हैं इसलिए बच्चो को smartphone देते हैं इस कंडीशन में यदि आपके बच्चे के पास mobile होना अति आवश्यक है तो आप रहे smartphone के लिए का कोई भी Simple phone दे सकते हैं ऐसा करने से आपको बच्चे Phone का दुरुपयोग करने से बच जाएंगे और उन्हें उनकी लत भी नहीं लगेगी.

smartphone से होने वाले नुकसान :-

smartphone से बच्चों को सबसे बड़ा नुकसान तो यह होता है, कि आपके बच्चे को पूरी तरह से smartphone पर ही निर्भर हो जाते हैं. यदि आपके बच्चे Phone से पढ़ाई कर रहे हैं, तो भी उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है क्योंकि जिन प्रश्नों को खोजने के लिए उन्हें अपनी बुक्स के पन्नों को पलट ना चाहिए, इसके लिए वह mobile का यूज कर Google से इन सवालों के जवाब आसानी से ढूंढ लेते हैं, जिससे उनकी सोचने की क्षमता धीरे धीरे कम हो जाती है.

Memory:-

आज से कुछ समय पहले हर किसी को एक दूसरे के Phone Number बड़ी आसानी से याद रहते थे, हर कोई जन्म का वर्ष और दिन आसानी से याद रख लेता था, यहां तक कि लोगों के शादी की सालगिरह आदि बातों का ध्यान रहता था, लेकिन अब सब कुछ smartphone के जरिए होता है, बच्चों को अपना दिमाग लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है क्योंकि वह सब अपने smartphone में सेव करके रखे हैं जिससे रिमाइंडर मिल सके ऐसा करने से बच्चों की सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है.

पर्याप्त नींद न ले पाना :-

बच्चों के लिए रात में सही से नींद लेना बहुत ही जरूरी होता है, लेकिन बच्चों को यदि smartphone की लत लग जाती है तो वह दिन रात माता-पिता से नजरें बचाकर game खेलने लग जाते हैं या फिर वह मूवी देखने में इस कदर व्यस्त हो जाते हैं कि समय का उन्हें पता भी नहीं चलता ऐसे में वह रात की नींद पूरी नहीं ले पाते हैं और उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है. अत्यधिक smartphone चलाने के बच्चों आंखों पर भी नुकसान होता है.

स्वभाव में परिवर्तन :-

जिन बच्चों को smartphone की लत लग जाती हैं, वह बच्चे दूसरे बच्चों की अपेक्षा अनसेफ महसूस करते हैं. साथ ही नहीं अपने परिवार वालों से कोई मतलब नहीं होता mobile को लेकर एक कोने में बैठे रहते हैं या तो game खेलते रहते हैं या फिर Social sites पर Update करते रहते. ऐसे बच्चों को यदि आप कुछ समय के लिए भी smartphone से अलग करते हैं वह काफी गुस्से में आ जाते हैं और चिल्लाना प्रारंभ कर देते हैं.

समय से पहले पता चल जाता है सब कुछ :-

यदि आपका बच्चा smartphone का आदि हो गया हो तो वह समय से पहले ही उन बातों को भी जान लेता है जिसे जानने की अभी उसकी उम्र नहीं है Smart Phone पर ऐसे कई ऐप, और Internet पर आपको ऐसी कई सामग्री आसानी से मिल जाएगी जिसे देखने या सुनने से बच्चों के दिमाग पर सीधा असर होता है. कई बार बच्चे इस तरह की हरकत करने लग जाते हैं जिसे देख कर हम शर्मिंदा हो जाते हैं हालांकि इस तरह की चीजें वह Internet से ही सीखते हैं. इसलिए कहा जाता है कि बच्चों को समय से पहले mobile Phone नहीं देना चाहिए.

गुस्सैल प्रवृत्ति के बच्चे :-

बच्चों को game खेलना बहुत ही ज्यादा पसंद होता है, लेकिन कई game ऐसे होते हैं जो बच्चों के लिए सही नहीं होता जब आपका बच्चा परिवार में खुद को अकेला या तन्हा महसूस करता है तो वहां Social forum को ज्वाइन कर लेता है, जहां उनसे अपनेपन का एहसास होने लगता है जिस का गलत फायदा उठा लिया जाता है Blue whale game को हम उसका उदाहरण मान सकते हैं, हम सभी जानते हैं कि इस game को खेलने से होती है लेकिन कई बच्चे इस game के आदी हो गए थे, जिसका खामियाजा बच्चों ने अपनी जान देकर चुकाना पड़ता था.

Tumor :-

Cell Phone से निकलने वाली विकिरणों के प्रभाव से बच्चों के शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है बच्चे का शरीर बदलाव और वृद्धि वाला होता है ऐसे में विकिरणों के प्रभाव से बच्चों के शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है. जो बच्चे अधिक समय तक Phone का इस्तेमाल करते हैं या फिर अपने कान के पास रखते हैं तो उन बच्चों को कान और मस्तिष्क के बीच गैर-घातक (non-malignant) ट्यूमर होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है. बच्चों की हड्डियां या उनके शरीर के बहुत सारे अंग पर बनी बचाव की परत बहुत पतली होती है, यह अंग 60% प्रतिशत से भी अधिक विकिरण अवशोषित करते जो हमारे smartphone से निकलती है, यह किरणें बच्चों के तंत्रिका तंत्र को अत्यधिक प्रभावित करती है.

Brain activity:-

हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाला smartphone मुख्य रूप से इंटरनल संचार के लिए विद्युत चुंबकीय तरंगों पर अपना काम करता है. मनुष्य के मस्तिष्क अपने इलेक्ट्रिक आवेग मैं होता है जो संचार तंत्र का नेटवर्क में होता है बच्चों के मस्तिष्क में Phone से यह तरंगे आसानी से प्रवेश कर जाती है क्योंकि बच्चों के पास इसके बचाव के लिए मजबूत ढाल नहीं होती है.

शैक्षिक कार्यक्षमता :-

बच्चे अपने साथ स्कूल में भी Cell Phone ले जाते हैं स्कूल में जब लंच टाइम होता है तो वह अपने दोस्तों के साथ game खेलना या फिर अन्य दोस्तों के साथ Chatting करने में लग जाते हैं और यह चलन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में बच्चे क्लास में ध्यान नहीं दे पाते हैं और उन्हें पढ़ने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है यहां तक की क्लास में जो पढ़ाया जाता है वह भी बच्चों को सही ढंग से याद नहीं रहता है. कई बार तो बच्चे अपने smartphone की वजह से फेल भी हो जाते हैं. इसलिए माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका बच्चा smartphone स्कूल में ना ले जा पाए.

Academicदुर्व्यवहार :-

माता-पिता सोचते हैं कि उनका बच्चा स्कूल जाकर एग्जाम में बेहतर स्कोर करेगा, लेकिन smartphone के होने के कारण बच्चों की पढ़ाई अत्यधिक विचलित होती जा रही है वह पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और smartphone में गलत तरीकों से काम कर रहे हैं. इस तरह का व्यवहार ना केवल बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करता है बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन पर भी बहुत ज्यादा असर डालता है.

अनुचित मीडिया :-

दूसरे Electronic Gadgets के साथ ही mobile Phone का भी गलत उद्देश्यों के साथ उपयोग किया जा सकता है, बच्चे बिना कुछ सोचे समझे ग्रुप या अन्य दोस्तों के साथ गलत तस्वीरें टैक्स या संदेश को देखकर उसे एक दूसरे को फॉरवर्ड कर देते हैं. माता-पिता इस बात से अनजान रहते हैं कि उनके बच्चे smartphone पर पोर्नोग्राफी का भी अपना तरीका ढूंढ लेते हैं. ऐसा करने से कम उम्र में ही बच्चों की धारणाएं काफी बदल जाती है और वह गैर जिम्मेदार ना हरकत करने लग जाते हैं जो उनके जीवन को अत्यधिक प्रभावित करती है.

नींद ना लेना :-

जिन बच्चों के पास रात में भी smartphone रहता है वह बच्चे रात भर game खेलते रहते हैं या फिर दोस्तों से बात करने के साथ ही social media पर भी एक्टिव रहने लग जाते हैं, जो उनकी थकान और बेचैनी का सबसे बड़ा कारण बनता है, इस कंडीशन में बच्चों की नींद तो खराब होती ही साथ ही उनकी पढ़ाई पर भी काफी प्रभाव पड़ता है, ऐसे में बच्चे स्कूल में पढ़ाई जाने वाली बातों पर ध्यान नहीं देते हैं और वहां social media पर चल रही अनैतिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने लग जाते हैं जिसका उन्हें आगे चलकर खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

Medical problems :-

कई बच्चे अपने खाली समय में भी घर से बाहर नहीं निकलते हैं वह दिन भर mobile Phone से ही चिपके रहते हैं ऐसे में उनके शरीर की शारीरिक गतिविधियां रुक जाती है और उन्हें मोटापा या अन्य कोई खतरनाक बीमारी जकड़ लेती है, जिनसे उन्हें जीवनभर लड़ना पड़ता है.

बच्चों के लिए smartphone Safety tips:-

माता पिता के लिए अपने बच्चों को दिए जाने वाले mobile Phone से संबंधित कई सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना बहुत ही जरूरी होता है ताकि उनके बच्चे smartphone का गलत यूज ना कर पाए और उन्हें अपने जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े.

– माता-पिता को अपने बच्चे को 16 साल के बाद ही CellPhone देना चाहिए इस उम्र से पहले अपने बच्चों को Cell Phone देने से बचना चाहिए क्योंकि छोटे बच्चों के मस्तिष्क नाजुक होता है और उनकी खोपड़ी की हड्डियां भी नाजुक होती है इस स्थिति में बच्चों के घनत्व एवं सुरक्षात्मक टिश्यू का विकास नहीं हो पाता है.
– यदि आवश्यक है और आपका बच्चा Phone पर बात करना चाहता है तो उसे Phone को कान पर पकड़ने के बजाय वाइट हैंडसेट का उपयोग करने के लिए आपको कहना चाहिए.
– जब आप ट्रैवल करते हैं तो आपको अपने बच्चों को Phone देने से बचना चाहिए क्योंकि वाहन का मेटल कवच सिग्नल को ब्लॉक करता है इसलिए आपका smartphone अपनी पावर को बढ़ा देता है जो बच्चों के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है.
– आप अपने बच्चों को उन क्षेत्रों में mobile Phone का उपयोग करने से बचाए जहां पर सिग्नल कमजोर होता है बेहतर सिग्नल पाने की अपेक्षा में आपके बच्चे खुद की विकिरण को बढ़ाते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.
– माता-पिता जब घर पर हैं और उनके बच्चे भी घर पर हैं तो कोशिश करें कि वह अपने बच्चों को mobile Phone के उपयोग से बचाएं ऐसा करने से घर में भी व्यवहार पैटर्न बना रहता है.
– बच्चे जिस जगह पर mobile का यूज कर रहे हैं यदि वहां पर mobile tower लगा हुआ है तो आपको अपने बच्चे पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है ऐसी जगहों पर अपने बच्चों को mobile Phone ना चलाने दे.
– माता-पिता स्कूल में बच्चों को Phone ले जाने की परमिशन बिल्कुल भी ना दें ऐसा उनके लिए पूरी तरीके से प्रतिबंधित करके रखें.
– स्कूल का Contact Number अपने पास सेव रखें और आपातकाल की स्थिति के लिए आप उन्हें अपना Contact Number भी जरूर दें ताकि किसी अनहोनी या फिर जरूरत के समय आप या वह आपसे संपर्क कर सकें.
– माता पिता दिन में तो बच्चों को mobile से दूर रख लेते हैं लेकिन जब वह सो जाते हैं तो बच्चे चुपके से उनका Phone उठा लाते हैं और रात में माता-पिता की नजरों से बच कर Cell Phone चलाते हैं. इस दुविधा से बचने के लिए माता पिता को उनका Phone बच्चों की नजर से दूर रखना चाहिए ताकि बच्चे बिना आप की परमिशन लिए आपका Phone यूज नहीं कर पाए.
– माता-पिता का सबसे पहला कर्तव्य होता है कि वह अपने बच्चों की सही देखभाल करें ऐसे में वह अपने बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं.

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