सोच बदलो,जिंदगी बदलो

जिंदगी में सारा सुधार अपने और अपनी सम्भावनाओ के बारे में विश्वास बदलने से होता है. निजी विकास के आपको यह विस्वास बदलना होगा की आप क्या कर सकते है और आपके लिए क्या संभव है. क्या आप अपनी आमदनी दोगुनी करना चाहते है ? जाहिर है चाहेंगे! बुनियादी सवाल है: क्या आप इसे संभव मानते है ?

आपकी शंका का स्तर जो भी हो मुझे एक सवाल पूछने की अनुमति दे. क्या पहली नौकरी में मिली पहली सैलरी के बाद से अब तक आपकी आमदनी दोगनी या तिगुनी नहीं हुई ? आपने जब कमाना शुरू किया था, तब की तुलना में क्या इस वक्त आप बहुत ज्यादा नहीं कमा रहे ? क्या इस तरह आप खुद यह साबित नहीं करते की अपनी आमदनी को दुगना या तिगुना करना संभव है ? और आप पहले जो कर चुके है उसे आप दुबारा -शायद बार-बार कर सकते है , बशर्त आप शिख ले की इसे कैसे किया जा सकता है आपको तो बस यकीन करना होगा की यह सम्भव है.
नेपोलियन हिल ने कहा था ‘इंसान का दिमाग जो सोच सकता है और यकीन कर सकता है उसे वह हासिल भी कर सकता है.

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