आखिर क्यो होते है जींस की पॉकेट मे ये छोटे बटन जानिए

कहते है की समय के साथ-साथ हमे भी बदलना पड़ता है और ऐसी तरह से बदल गया है हमारा पहनावा उसी तरह से समय के साथ मे जींस डिजाइन मे भी कई तरह के बदलाओ आगाए है और यह जींस छोटे हो या बड़े व्यक्ति हर किसी को जींस ही पसंद आती है इस लिए आज कल यह जींस बहुत ही पॉपुलर हो रही है वैसे तो जींस कई तरह के मॉडल मे आती है कई तरह के रंग मे भी आती है लेकिन इस जींस मे एक ऐसी चीजे है जो हमेशा से चलती आ रही है और शायद चलती रहे गी और वो है इस जींस के पॉकेट मे लगी छोटी-छोटी बटने जी हाँ क्या आप इन छोटी –छोटी बटनो का राज जानते है की ये हर जींस मे क्यो लगाई जाते है.

सबसे पहले मजदूरो के लिए बनाई गई थी ये जींस

यह जींस सबसे पहले मजदूरो के लिए बनाई गई थी और ऐसा इस लिए क्योकि पहले मजदूरो को बहुत ही ज्यादा काम करना पड़ता थ जिसकी वजह से उनके कपड़े फटने लगते थे इस दौरान एक जर्मन के व्यापारी ने लेवी स्ट्रॉस ने कैलिफोर्निया मे जिस पर आफ्ना नाम छापकर इसे बेचना शुरू कर दिया.

इस कारण रिपिट बटन का यूस किया गया

यह जींस मजदूरो के लिए बनाई गई थी लेकिन इस मे एक प्रॉबलम थी की इस की जेब बहुत ही जल्दी फट जाया करती थी मिलों, फैक्ट्रियों, और खदानों मे ज्यादा काम करने के कारण मजदूरो की जींस मे कभी जेब फट जाती थी तो कभी इस की सिलाई खुल जाती थी ऐसी प्रॉबलम के चलते अमेरिका मे रहने वाले एक दर्जी जैकब डेविस के मन मे यह ख्याल आया की यदि ज़ेबो के दोनों ओर छोटे बटन लगा दिये जाए तो जींस को फटने से रोका जा सकता है इस की वजह से जैकब डेविस नामक दर्जी ने जींस की ज़ेबो मे रिपिट बटन लगा दिये जिन्हे हम सब अभी तक यूस कर रहे है.

लेवी कंपनी का बटन पेंटेट

जींस की ज़ेबो मे बटन लगाने के बाद मे 1870 साल मे जैकब ने इसे पेटेंट करने का कोशिश की पेंटेंट करने के लिए लाग्ने वाली बड़ी रकम न होने के कारण उन्होने लेवी कंपनी से तीन साल के बाद एक डील कर ली इस डील के अनुसार लेवी ने पेंटेट के सारे रुपये भरे और खुद के नाम पर पेटेंट करवा लिया.

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