कचरा अन्दर, कचरा बहार

आत्म – अवधारणा के बारे में एक और दिलचस्प खोज पर गौर करे. भले ही आपकी आत्म-अवधरणा आपके या संसार के बारे में गलत विश्वासो पर आधारित हो लेकिन यही गलत विश्वास तथ्य बन जाते है . फिर आप उन्ही के अनुसार सोचेगे महसूस करेंगे और काम करेंगे.

इस तरह अपने बारे में आपके विश्वास काफी हद तक यक्तिगत होते है उनकी बुनियाद अक्सर तथ्यों पर टिकी ही नहीं होती वे उस जानकरी का परिणाम होते है जिसे आपने जिंदगी भर ग्रहण किया ही और सहयोगी, आपका ध्यान और शिक्षण, आपके अनुभव – सकारात्मक ओर नकारात्मक दोनों ही – ओर हजारो अन्य चीजे आपके विश्वास को आकार देती है.

खुद को सीमित करने के वाले विश्वास सबसे बुरे होते है अगर आपको यकीन है की आपकी कपि सीमा है चाहे यह सच हो या न हो तो यह आपके लिए सब बन जाते है अगर आप इस पर यकीन कर लेते है, तो आप इस तरह काम करने वाले विश्वास ओर अपनी लादी हुई सीमाओ से उबरना ही अक्सर आपके ओर आपकी पुरू संभवना को साकार करने के बीच खड़ी सबसे बढ़ी बाधा होती है।

Image Source 

Leave a Comment