अंतराष्ट्रीय महिला दिवस : इन्हें आता देख सब कहते है देखो बैंक वाली दीदी आ गई..

मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही कई बहुमूल्य योजनाओ में अभी तक की सर्वश्रेष्ठ योजना भारतीय जन धन योजना को माना जा रहा है।  लेकिन अभी भी कई ऐसे गांव है जहा सरकार की इन योजनाओ का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। सरकार की इन बहुमूल्य योजनाओ को देश की समस्त जनता को लाभ दिलाने के लिए इंदौर शहर के छोटे से गांव असरावद की महिला संगीता कोचले ने यह जिम्मा उठाया है।

संगीता कोचले ने गांव की जनता को जागरूक कर सरकार की कई योजनाओं का लाभ दिलाया है। वर्ष 2014 से संगीता ने कियोस्क में अपना पहला कदम रखा। संगीता कोचले अभी तक 1500 खाते खोल कर गाव की जनता को एक ही दिन में चार लाख का लोन दिलाया है। पहले गाव वालो को बैंक का काम करवाने के लिए तक़रीबन पांच से छह किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। लेकिन गाव की परेशानी को समझते हुए उन्होंने लेपटाप की सहायता से गाव के घर घर जा कर बैंक का काम किया है। राष्ट्रिय कर्षि और ग्रामीण विकास बैंक का श्रीमती संगीता कोचले को नाबार्ड ने प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।

sangita kochleबैंक वाली दीदी आ गई :-

संगीता कोचले द्वारा किये जा रहे बैंक के कार्य को देखते हुए अब सभी गाव वाले कहने लगे है “देखो बैंक वाली दीदी आ गई” उनके द्वारा किये जा रहे इस कार्य को देखते हुए गाव की अन्य महिलाओ ने प्रेरणा लेते हुए उनके काम में सहयोग किया।

sngita kochle

हौसले को सलाम :-
महज आठवी पास संगीता कोचले का जन्म खरगोन जिले के एक छोटे से गाव में हुआ था। गाव की परेशानियों को देखते हुए उनका एक ही लक्ष्य था की कोई भी सरकार की योजनाओ से वांछित नहीं रहेगा। संगीता के इस प्रयास में उनके परिवार वालो ने भी उनका साथ दिया।
 
सभी को मिले लाभ :-
संगीता कोचले से हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा की शुरुआत से ही उनका लक्ष्य था। सरकार जनता के लिए कई तरह की योजनाये निकालती है, लेकिन अशिक्षा के चलते कई लोगो को इन योजनाओ का मतलब पता नहीं होता था।जिस कारण वह इस योजना का लाभ नहीं ले पाते थे। लेकिन संगीता के प्रयास और मेहनत के बलबूते उन्होंने सभी योजनाओ से गाव के हर एक व्यक्ति को अवगत कराया।
 
परिवार का मिला साथ :-
संगीता कोचले से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा की जब महिलाये उनके पास कई समस्याएं ले कर आती थी तो वह उनकी समस्याओ का समाधान नहीं कर पाती थी। लेकिन पति से मिले सहयोग और बैंक कियोस्क से मिली सहायता के चलते अब वह गाव के सभी परिवारो को सभी चीजो से अवगत करा कर उनकी समस्याओ का समाधान निकालती है। संगीता के इस प्रयास में उनके पति महेश कोचले ने उनका पूरा सहयोग किया।
 
लोन ले कर कर रही कारोबार :-
अशिक्षित होने के कारण गाव की कई महिलाये बेरोजगार रहती थी लेकिन कियोस्क से मिले लोन के चलते कई महिलाओ ने अपना कारोबार प्रारम्भ किया। रहवासियो से बातचीत में पता चला की एक समय बैंक से पैसे निकालने के लिए पांच किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। लेकिन बैंक वाली दीदी के इस कार्य से हमें बहुत सहायता मिली है। अब हमें बैंक के किसी भी कार्य के लिए गाव से बहार जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

 

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