क्या आपने जीवन की ABCD पढ़ी हैं?

जीवन में कामयाबी सिर्फ होसलो से नहीं बल्कि आत्मविश्वास से भी मिलती है. अपने जीवन के कार्य को पांच श्रेणी में विभक्त करे जिससे कार्य को आसानी से किया जा सके. कार्य को विभक्त करने से जीवन में सफलता निश्चित ही मिलती है. अपने कार्य को करने से पहले कार्य को “ए,बी,सी,डी” विधि में विभक्त कीजिये. इस विधि को प्रारम्भ करने से पूर्व हमें अपने कार्य की सही ढंग से समीक्षा करनी आवश्यक है. इस विधि का प्रयोग करने से पूर्व हमें अपने कार्य की पूर्ण रूप से सूचि तेयार करना आवश्यक होता है.

“ए” श्रेणी :-

इस विधि में हम उन कार्यो को सम्मिलित करते है जिन्हें करना अतिआवश्यक होता है. इस श्रेणी के कामो को न करने से हमारी सफलता पर काफी असर पड़ता है. जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें सर्वप्रथम ए श्रेणी के कामो को करना आवश्यक होता है.

“बी” श्रेणी :-

इस श्रेणी में होने वाले कार्य को करने और न करने से आपको अधिक दुष्परिणाम प्राप्त नहीं होते है. उदाहरण के तोर पर हम इस श्रेणी में अक्सर छोटे कार्य को सम्मिलित करते है जेसे दोस्त को फोन करना, सहकर्मियों के साथ लंच करना, आदि काम को सम्मिलित किया जाता है. इस कार्य को न करने से हमें थोड़ी असुविधा होती है.

“सी” श्रेणी :-

सी श्रेणी में सम्मिलित कार्य को करना और नहीं करना एक समान होता है. इन कामो को करना अच्छा तो लगता है लेकिन इनका कोई परिणाम नहीं मिलता. जेसे काफी पीना मित्रो के साथ गपशप करना, अख़बार पड़ना, शोपिंग करना जेसे कार्यो को सम्मिलित किया जाता है. आप इन कार्यो करे या न करे आपके जीवन पर इसका कोई असर नहीं पड़ता.

“डी” श्रेणी :-

इस श्रेणी में उन कामो को सम्मिलित किया जाता है जिन्हें हम किसी अन्य व्यक्ति को सोप सकते है. सफलता के अनुसार हमें उन कामो को नहीं करना चाहिए जिन कामो से हमें लाभ न प्राप्त हो, हम इस तरह के काम किसी अन्य व्यक्ति को सोप देना चाहिए.

और हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने वाले कार्यो को करना चाहिए,

“ई” श्रेणी :-

इस श्रेणी में आने वाले काम को आप पूर्ण रूप से छोड़ सकते है. इस श्रेणी में आप अपनी कई तरह की पुरानी गतिविधियों को सम्मिलित करते है. यह काम आपके लक्ष्यों की उपलब्धी के लिए जरा भी महत्वपूर्ण नहीं है.

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